S245, 4. अध्यात्मिक दृष्टि से बच्चे कौन है? किस ज्ञान के अभाव में बूढ़े भी बच्चे हैं? Who is the child
4. अध्यात्मिक दृष्टि से बच्चे कौन है?
प्यारे लोगो !
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4. "यहाँ ऐसे बच्चे हैं, जो देखते हैं कि केवल संसार के ही काम हैं। जो संसार के आगे का ख्याल नहीं रखते, वे भी बच्चे हैं। मैं कहूँगा, जिनको जीवन के बाद का ख्याल नहीं है, चाहे वे कितनी अधिक उम्र के हो गए हों, फिर भी वे बच्चे हैं, चाहे वे मेरी उम्र (८३ वर्ष) के हों वा मेरी उम्र से अधिक के हों।"
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का यह प्रवचन नालन्दा जिलान्तर्गत भगवान महावीर और भगवान बुद्ध के विहार स्थल राजगीर में ५८वाँ अखिल भारतीय संतमत सत्संग का विशेषाधिवेशन दिनांक २८.१०.१९६६ ई० के प्रातःकालीन सत्संग में हुआ था।जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कही थी । महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
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S245, 4. अध्यात्मिक दृष्टि से बच्चे कौन है? किस ज्ञान के अभाव में बूढ़े भी बच्चे हैं? Who is the child
Reviewed by सत्संग ध्यान
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5/24/2024
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