2. ईश्वरीय खजाना कहाँ है?
धर्मानुरागिनी प्यारी जनता !
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युधिष्ठिर को रास्ता और अनुष्ठान व्यासदेव ने बताया था। युधिष्ठिर ने विश्वास किया। उस रास्ते पर चलो, जहाँ तक जाना चाहिए, गया और अनुष्ठानपूर्वक कर्म करके धन प्राप्त कर यज्ञ किया। उसी तरह संतों ने जो रास्ता बताया, जो अनुष्ठान बताया, उस पर विश्वास कर उसके अनुकूल चलो और बताए अनुष्ठानों को करो तो ईश्वर रूप धन को पाकर कृतकृत्य हो जाओगे।
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का यह प्रवचन मुरादाबाद स्थित श्रीसंतमत सत्संग मंदिर कानून गोयान मुहल्ले में दिनांक १२.४.१९६५ ई० को अपराह्नकालीन सत्संग में हुआ था। जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कहा था।
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
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S209(ख) 2. ईश्वरीय खजाना कहाँ है? भारतीय अध्यात्मिक खजाना || bhaarateey adhyaatmik khajaana
Reviewed by सत्संग ध्यान
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5/14/2024
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प्रभु-प्रेमी पाठको ! ईश्वर प्राप्ति के संबंध में ही चर्चा करते हुए कुछ टिप्पणी भेजें। श्रीमद्भगवद्गीता पर बहुत सारी भ्रांतियां हैं ।उन सभी पर चर्चा किया जा सकता है।
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