S13. 3 || सन्तों के वचनों का पाठ किस उद्देश्य से किया जाता है? santon ke vachanon ka paath kis uddeshy se kiya jaata hai
सन्तों के वचनों का पाठ किस उद्देश्य से किया जाता है?
प्रभु प्रेमियों ! यह प्रवचन बाँंका जिला, मंदार पहाड़ पर श्रीकीर्तिनारायण सिंह द्वारा आयोजित दिनांक-३१-३- १९५१ ई.के प्रातकाल के सत्संग में हुआ था। इस प्रवचन में सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज सत्संग के विषय में निम्नोक्त बातें कही थी-
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For what purpose are the sayings of saints recited
3. सन्तों के वचनों का पाठ किस उद्देश्य से किया जाता है? यही कि हमलोग जानें कि इस देश में हमारे पहले जो बड़े-बड़े साधु, सन्त, महात्मा, अवतार वगैरह हुए हैं, उनका विचार ईश्वर और उनकी प्राप्ति के विषय में क्या है? इसीलिए हमलोग अवतारों और सब संतों की वाणियों का पाठ सत्संग में किया करते हैं।
उपरोक्त बातें महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के प्रवचन नंबर 13 में कही गई है। पूरा प्रवचन पढ़ने के लिए 👉 यहाँ दवाएँ।
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज के सभी प्रवचनों में कहाँ कौन सा विषय का वर्णन है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
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महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त प्रवचनांश 'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर"' से ली गई है। अगर आप इस पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो 👉 यहां दबाएं।
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S13. 3 || सन्तों के वचनों का पाठ किस उद्देश्य से किया जाता है? santon ke vachanon ka paath kis uddeshy se kiya jaata hai
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/03/2025
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