S315 5. सुरत, जीव, चेतन आत्मा क्या है? Are consciousness and soul the same? - SatsangdhyanGeeta

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S315 5. सुरत, जीव, चेतन आत्मा क्या है? Are consciousness and soul the same?

5. सुरत, जीव, चेतन आत्मा क्या है? 

धर्मानुरागिनी प्यारी जनता ! 

सुरत, जीव, चेतन आत्मा का काल्पनिक चित्र,
सुरत, जीव, चेतन आत्मा का कल्पना

     "घटरामायण उनकी पुस्तक है। उसमें लोगों ने कुछ मेल-मिलाप भी कर दिया है। उस पुस्तक की भूमिका में कहते हैं-

श्रुति बुन्द सिंध मिलाप, आप अधर चढ़ि चाखिया । 
भाषा   भोर   भियान, भेद  भान गुरु  श्रुति लखा।।

      5. अपने से चढ़ाई की। उसके रस को चखा। स्वयं साधन कर, कोशिश कर, आकाशी मार्ग पर चढ़कर आनन्द को चखा है। यहाँ 'श्रुति' सुरत के लिये लिखा है। यह सन्तों का पारिभाषिक शब्द है। व्याकरण का शुद्ध-अशुद्ध विचार यहाँ नहीं है। सब लोग सन्तवाणी को पढ़िये और इस अर्थ को भी रखिये। साहित्य के अर्थ को भी रखिये। कहीं यह अर्थ होगा, कहीं वह अर्थ होगा। सुरत, जीव, चेतन आत्मा एक ही बात है। "



     प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का  यह प्रवचन भारत की राजधानी दिल्ली में अ० भा० सन्तमत सत्संग के ६२वें वार्षिक महाधिवेशन के अवसर पर दिनांक ३. ३. १९७० ई० को प्रातः काल में हुआ था।   जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कहा था। महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए  👉यहाँ दवाएँ। 



सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के विविध विषयों पर विभिन्न स्थानों में दिए गए प्रवचनों का संग्रहनीय ग्रंथ महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर
     प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त प्रवचनांश  'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर"' से ली गई है। अगर आप इस पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस  जी महाराज के  अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो    👉 यहां दबाएं।

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S315 5. सुरत, जीव, चेतन आत्मा क्या है? Are consciousness and soul the same? S315  5. सुरत, जीव, चेतन आत्मा क्या है?  Are consciousness and soul the same? Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/01/2024 Rating: 5

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