एकाग्रता के लिए ध्यानाभ्यास कैसे करें?
प्रभु प्रेमियों ! यह प्रवचन बाँंका जिला, मंदार पहाड़ पर श्रीकीर्तिनारायण सिंह द्वारा आयोजित दिनांक-३१-३- १९५१ ई.के प्रातकाल के सत्संग में हुआ था। इस प्रवचन में सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज सत्संग के विषय में निम्नोक्त बातें कही थी-
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How to practice meditation for concentration?
8. इस ध्यान में बड़ी एकाग्रता की जरूरत है; क्योंकि एकाग्रता में सुरत का सिमटाव, सिमटाव में उसकी ऊध्वगति और ऊध्र्वगति से ह मायिक आवरणों से पार कर परमात्म-स्वरूप का ग्रहण हो सकेगा। चित्त-धर्म- निरोध वा एकाग्रता के लिए प्राण-स्पन्दन और वासना; इन दोनों में से किसी एक को रोको। प्राण का हिलना बन्द करो, तो वासना नष्ट हो जायगी और वासना रोकने पर प्राण-स्पन्दन रुक जायगा।
उपरोक्त बातें महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के प्रवचन नंबर 13 में कही गई है। पूरा प्रवचन पढ़ने के लिए 👉 यहाँ दवाएँ।
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज के सभी प्रवचनों में कहाँ कौन सा विषय का वर्णन है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
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महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त प्रवचनांश 'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर"' से ली गई है। अगर आप इस पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो 👉 यहां दबाएं।
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S13. 8 || एकाग्रता के लिए ध्यानाभ्यास कैसे करें? How to practice meditation for concentration?
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/03/2025
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