विषयों में रहने से क्या होता है?
प्रभु प्रेमियों ! यह प्रवचन बाँंका जिला, मंदार पहाड़ पर श्रीकीर्तिनारायण सिंह द्वारा आयोजित दिनांक-३१-३- १९५१ ई.के प्रातकाल के सत्संग में हुआ था। इस प्रवचन में सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज सत्संग के विषय में निम्नोक्त बातें कही थी-
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विषयों में रहने से क्या होता है? |
What happens by dwelling on topics?
5. जीव शरीर और संसार में बन्दी हो गया है, उसका इससे छूट जाना उसकी मुक्ति है। इस बन्दीगृह में पड़े रहने से स्वतंत्रता नहीं है। स्वतंत्रता नहीं रहने से अवश्य कष्ट होता है। शरीर और इन्द्रियों के घेरे में रहने से चेतन-आत्मा विषयों की ओर रहती है। विषयों में रहने से चंचलता रहती है। और तृष्णा बढ़ जाती है। चेतन-आत्मा तृष्णा की डोरी पर दौड़ती रहती है; फिर शान्ति, तृप्ति और मुक्ति कहाँ?
उपरोक्त बातें महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के प्रवचन नंबर 13 में कही गई है। पूरा प्रवचन पढ़ने के लिए 👉 यहाँ दवाएँ।
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज के सभी प्रवचनों में कहाँ कौन सा विषय का वर्णन है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
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महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त प्रवचनांश 'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर"' से ली गई है। अगर आप इस पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो 👉 यहां दबाएं।
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S13. 5 || विषयों में रहने से क्या होता है? What happens by dwelling on topics?
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/03/2025
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