1. ईश्वर दर्शन कैसे होगा?
धर्मानुरागिनी प्यारी जनता !
"ईश्वर क्या है? मैं कहता हूँ कि दृश्य क्या है? तो जो तुम आँख से देखो, वह दृश्य वा रूप है। जो कान से सुनो, वह शब्द है। इसी तरह जिसको तुम चेतन आत्मा से जानो, वही ईश्वर है।
अपने को मायिक आवरणों से छुड़ाकर अपने तईं में रखने के लिए अंदर चलना है। इस मंदिर में हमलोग बैठे हैं, इससे निकलने के लिए पहले मन्दिर-ही-मन्दिर चलना होगा। इसी तरह इस शरीर से निकलने के लिए शरीर के अन्दर अन्दर चलना होगा। शरीर चार हैं- स्थूल, सूक्ष्म, कारण और महाकारण। इन चारों जड़ आवरणों को पार करो, ईश्वर-दर्शन होगा। बाहर में कितना भी दर्शन करो, ईश्वर-दर्शन नहीं होगा। जैसे, जहाँ दूध है, वहाँ मक्खन; उसी तरह जहाँ मन है, वहाँ चेतन।"
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का यह प्रवचन मुरादाबाद स्थित श्रीसंतमत सत्संग मंदिर कानून गोयान मुहल्ले में दिनांक १२.४.१९६५ ई० को अपराह्नकालीन सत्संग में हुआ था। जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कहा था। महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ। महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त प्रवचनांश 'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर"' से ली गई है। अगर आप इस पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो 👉 यहां दबाएं।
सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए. 👉 यहाँ दवाए।
--×--
S209(ग) 1. ईश्वर दर्शन कैसे होगा || ईश्वर को कैसे देखा जा सकता है? How can God be seen?
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
5/15/2024
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
प्रभु-प्रेमी पाठको ! ईश्वर प्राप्ति के संबंध में ही चर्चा करते हुए कुछ टिप्पणी भेजें। श्रीमद्भगवद्गीता पर बहुत सारी भ्रांतियां हैं ।उन सभी पर चर्चा किया जा सकता है।
प्लीज नोट इंटर इन कमेंट बॉक्स स्मैम लिंक