4. ठीक-ठीक निशाना कैसे लगाते हैं?
धर्मानुरागिनी प्यारी जनता !
"द्रोणाचार्य ने एक बार अपने शिष्यों- कौरवों और पाण्डवों की परीक्षा ली। उन्होंने एक काठ का पक्षी बनवाकर वृक्ष पर रखवा दिया और एक-एक करके अपने सब शिष्यों को तीर से उसका निशाना करने कहा। आचार्य के पूछने पर किसी ने कहा- मैं वृक्ष-डालियों एवं पत्तों सहित पक्षी को देखता हूँ, तो किसी ने कहा-मैं डालियों और पत्तों सहित पक्षी को देखता हूँ; इस प्रकार किसी से भी उस पक्षी का ठीक-ठीक निशाना नहीं हुआ, अंत में अर्जुन से पूछने पर उसने कहा-मैं केवल पक्षी देख रहा हूँ। अर्जुन परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ।"
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का यह प्रवचन मुरादाबाद स्थित श्रीसंतमत सत्संग मंदिर कानून गोयान मुहल्ले में दिनांक १२.४.१९६५ ई० को अपराह्नकालीन सत्संग में हुआ था। जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कहा था। महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
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S209(ग) 4. ठीक-ठीक निशाना कैसे लगाते हैं? What should be our aim in meditation?
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
5/15/2024
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प्रभु-प्रेमी पाठको ! ईश्वर प्राप्ति के संबंध में ही चर्चा करते हुए कुछ टिप्पणी भेजें। श्रीमद्भगवद्गीता पर बहुत सारी भ्रांतियां हैं ।उन सभी पर चर्चा किया जा सकता है।
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