S209(ग) 5. दृष्टियोग, शाम्भवी मुद्रा और वैष्णवी मुद्रा से साधना कैसे करते हैं? What are the benefits of Shambhavi Mahamudra?
5. दृष्टियोग, शाम्भवी मुद्रा और वैष्णवी मुद्रा से साधना कैसे करते हैं?
धर्मानुरागिनी प्यारी जनता !
|
"एक संत ने कहा- 'उलटि देखो घट में जोति पसार।' इसी को दृष्टियोग, शाम्भवी मुद्रा और वैष्णवी मुद्रा कहते हैं। इसका अमा, प्रतिपदा और पूर्णिमा दृष्टि से साधन किया जाता है। आँख बंदकर देखना अमादृष्टि है, आधी आँख खोलकर देखना प्रतिपदा दृष्टि है और पूरी आँख खोलकर देखना पूर्णिमा दृष्टि है। प्रतिपदा और पूर्णिमा दृष्टि में आँख में रोग भी हो सकता है। अमादृष्टि में कोई रोग नहीं। सुतीक्ष्ण मुनि और शमीक मुनि की कथा को पढ़िए, ये सब आँख बंदकर ध्यान करते थे। भगवान बुद्ध की ध्यानावस्थित प्रतिमा को देखिए, वे भी आँख बंदकर ही ध्यान करते दिखाई पड़ते हैं। "
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का यह प्रवचन मुरादाबाद स्थित श्रीसंतमत सत्संग मंदिर कानून गोयान मुहल्ले में दिनांक १२.४.१९६५ ई० को अपराह्नकालीन सत्संग में हुआ था। जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कहा था। महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त प्रवचनांश 'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर"' से ली गई है। अगर आप इस पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो 👉 यहां दबाएं।
सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए. 👉 यहाँ दवाए।
--×--
S209(ग) 5. दृष्टियोग, शाम्भवी मुद्रा और वैष्णवी मुद्रा से साधना कैसे करते हैं? What are the benefits of Shambhavi Mahamudra?
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
5/15/2024
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
प्रभु-प्रेमी पाठको ! ईश्वर प्राप्ति के संबंध में ही चर्चा करते हुए कुछ टिप्पणी भेजें। श्रीमद्भगवद्गीता पर बहुत सारी भ्रांतियां हैं ।उन सभी पर चर्चा किया जा सकता है।
प्लीज नोट इंटर इन कमेंट बॉक्स स्मैम लिंक