7. योग करना जरूरी क्यों है?
धर्मानुरागिनी प्यारी जनता !
7. "खेती करना बहुत कठिन काम है, परन्तु इसके बिना रह नहीं सकते। इसलिए खेती करते हैं। देश- रक्षा बहुत कठिन है, परन्तु देश की रक्षा करते हैं। साधना को कठिन कहकर इसलिए मानते हैं कि इसे करना आवश्यक नहीं समझते। यह काम अवश्य करना चाहिए। यह थोड़ा करने पर भी बहुत लाभ पहुँचावेगा। साधन अवश्य करो। मन को मारो। मन को सँभालो। दशम द्वार होते हुए मोक्ष की ओर चलो। यह शरीर विषय सुख के लिए नहीं है। 'एहि तन कर फल विषय न भाई।' (गोस्वामी तुलसीदासजी) विषय भोग छोड़ा जा सकता है। अपने को सँभालकर दशम द्वार में स्थिर करो, तो अवश्य छोड़ा जा सकता है।" n
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का यह प्रवचन नालन्दा जिलान्तर्गत भगवान महावीर और भगवान बुद्ध के विहार स्थल राजगीर में ५८वाँ अखिल भारतीय संतमत सत्संग का विशेषाधिवेशन दिनांक २८.१०.१९६६ ई० के अपराह्नकालीन सत्संग में हुआ था। जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कही थी । महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
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S246, 7. योग करना जरूरी क्यों है? What is the need for meditation?
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
5/26/2024
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प्रभु-प्रेमी पाठको ! ईश्वर प्राप्ति के संबंध में ही चर्चा करते हुए कुछ टिप्पणी भेजें। श्रीमद्भगवद्गीता पर बहुत सारी भ्रांतियां हैं ।उन सभी पर चर्चा किया जा सकता है।
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