7. सातवीं भक्ति में किसका साधन होता है?
धर्मानुरागिनी प्यारी जनता !
"सातवीं भक्ति में मनोनिग्रह का साधन है। कोई कहे कि दम के साधन में भी तो मन का साधन होता है। लेकिन वहाँ दोनों के साधन संग-संग होते हैं। सातवीं भक्ति में केवल मन का साधन होता है। क्योंकि मन के साधन के बिना ऋद्धि सिद्धि के प्रेरण में मन पड़ सकता है।
'ऋद्धि सिद्धि प्रेरई बहु भाई।
बुद्धिहि लोभ दिखावई आई ।।
होई बुद्धि जौं परम सयानी।
तिन्ह तन चितव न अनहित जानी।।'
इसलिए मनोनिग्रह का साधन है। "
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का यह प्रवचन मुरादाबाद स्थित श्रीसंतमत सत्संग मंदिर कानून गोयान मुहल्ले में दिनांक १२.४.१९६५ ई० को अपराह्नकालीन सत्संग में हुआ था। जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कहा था। महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त प्रवचनांश 'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर"' से ली गई है। अगर आप इस पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो 👉 यहां दबाएं।
सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए. 👉 यहाँ दवाए।
--×--
S209(ग) 7. सातवीं भक्ति में किसका साधन होता है? शबरी की नवधा भक्ति Shabri's ninefold devotion
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
5/16/2024
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
प्रभु-प्रेमी पाठको ! ईश्वर प्राप्ति के संबंध में ही चर्चा करते हुए कुछ टिप्पणी भेजें। श्रीमद्भगवद्गीता पर बहुत सारी भ्रांतियां हैं ।उन सभी पर चर्चा किया जा सकता है।
प्लीज नोट इंटर इन कमेंट बॉक्स स्मैम लिंक