S209(ग) 10. दृष्टियोग करने से क्या लाभ होता है? ध्यान का मुख्य लाभ क्या है? What is the main benefit of meditation?
10. दृष्टियोग करने से क्या लाभ होता है?
धर्मानुरागिनी प्यारी जनता !
"यह संतों का मार्ग है, इस पर चलो। सत्संग करो, गुरु खोजो और भजन करो तो कृतार्थ हो जाओगे। एक जन्म में नहीं, तो कई जन्मों में। यह बीज ऐसा है कि मुक्ति दिलाकर ही छोड़ेगा।
भक्ति बीज बिनसै नहीं, आय पड़ै जो चोल ।
कंचन जौं विष्ठा पड़े, घटै न ताको मोल ।।
भक्ति बीज पलटै नहीं, जो युग जाय अनंत ।
ऊँच नीच घर जन्म ले, तऊ संत को संत ।।
भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि 'योग का आरंभ का नाश नहीं होता। साधक पुण्यकर्ता पुरुषों को मिलनेवाले स्वर्ग आदि लोकों को पाकर और वहाँ बहुत वर्षों तक निवास करके पवित्र श्रीमान् लोगों के घर में जन्म लेता है अथवा बुद्धिमान योगियों के ही कुल में जन्म पाता है। इस प्रकार प्राप्त हुए जन्म में वह पूर्व के बुद्धि संस्कार को पाता है और उससे अधिक (योग) सिद्धि पाने का प्रयत्न करता है। प्रयत्नपूर्वक उद्योग करते-करते पापों से शुद्ध होता हुआ अनेक जन्मों के अनन्तर सिद्धि पाकर उत्तमगति पा लेता है।"
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का यह प्रवचन मुरादाबाद स्थित श्रीसंतमत सत्संग मंदिर कानून गोयान मुहल्ले में दिनांक १२.४.१९६५ ई० को अपराह्नकालीन सत्संग में हुआ था। जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कहा था। महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए 👉यहाँ दवाएँ।
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर |
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S209(ग) 10. दृष्टियोग करने से क्या लाभ होता है? ध्यान का मुख्य लाभ क्या है? What is the main benefit of meditation?
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
5/16/2024
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