S315 11. सदगुरु का शब्द क्या है? गुरु दीक्षा का महत्व, Importance of Guru Diksha, - SatsangdhyanGeeta

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S315 11. सदगुरु का शब्द क्या है? गुरु दीक्षा का महत्व, Importance of Guru Diksha,

11. सदगुरु का शब्द क्या है? 

धर्मानुरागिनी प्यारी जनता ! 

गुरु के शब्द का महत्व, गुरु दक्षा काम
गुरु के शब्द का महत्व

      11. "सेवक अपने कर्म में पूर्ण है तो सद्‌गुरु का शब्द मिलता है। सद्‌गुरु का शब्द वैखरी वाणी नहीं, अन्तर्नाद है। ईश्वर की ओर से यह दया-दान है- अन्तज्योति का प्रगट होना। तो गुरु की गवाही ठीक है। सुरत के जगने पर यह होता है। यह तो पहली सीढ़ी है, पहला कदम रखने के लिये। आगे बहुत है! बहुत है!! बहुत है!!! पहले पहली सीढ़ी तो मिले पैर रखने के लिये। सन्तवाणी में जो गंभीरता है, वह आपके सामने कहता हूँ। आगे चलकर कबीर साहब कहते हैं- 

'जगत पीठ दै भाग री।' "



     प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसी महाराज का  यह प्रवचन भारत की राजधानी दिल्ली में अ० भा० सन्तमत सत्संग के ६२वें वार्षिक महाधिवेशन के अवसर पर दिनांक ३. ३. १९७० ई० को प्रातः काल में हुआ था।   जिसमें उन्होंने उपरोक्त बातें कहा था। महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के सभी प्रवचनों में कहाँ क्या है? किस प्रवचन में किस प्रश्न का उत्तर है? इसे संक्षिप्त रूप में जानने के लिए  👉यहाँ दवाएँ। 



सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के विविध विषयों पर विभिन्न स्थानों में दिए गए प्रवचनों का संग्रहनीय ग्रंथ महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर
     प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त प्रवचनांश  'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर"' से ली गई है। अगर आप इस पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस  जी महाराज के  अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो    👉 यहां दबाएं।

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S315 11. सदगुरु का शब्द क्या है? गुरु दीक्षा का महत्व, Importance of Guru Diksha, S315  11. सदगुरु का शब्द क्या है?  गुरु दीक्षा का महत्व, Importance of Guru Diksha, Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/01/2024 Rating: 5

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