महाभारत में श्रीमद्भगवद्गीता संपूर्णता से है। इसी के आधार पर लोगों ने यथार्थ गीता, गीता यथारूप, गीता पारायण, गीता अध्याय, गीतासार आदि बातों पर चर्चा करते हैं। परन्तु सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज लिखित 'श्रीगीता-योग-प्रकाश' में जो विचार हैं, वह वेदांत-सार-संयुक्त, संतमतानुसार और निजी अनुभव युक्त है। कुछ लोगों ने निज अनुभव के अभाव में श्रीमद्भागवत गीता पर कुछ अनुचित बातें कही हैं। समुचित जानकारी के बिना गीता का संपूर्ण ज्ञान अधूरा ही रहेगा। इन्हीं बातों सहित अन्य चर्चा का वर्णन विषयक व्ल
G00 (क) विश्व विख्यात ग्रंथ श्रीमद्भागवत्गीता में योग शब्द के रहस्यमय वर्णन ।। श्रीगीता-योग-प्रकाश की भुमिका से
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8/07/2018
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G00 (ख) श्रीमद्भागवत्गीता, वेद-उपनिषद् एवं संतवाणीयों में सद्गुरु से संबंधित वचन ।। सद्गुरु महर्षि मेंहीं
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8/06/2018
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गुरु महाराज की शिष्यता-ग्रहण 14-01-1987 ई. और 2013 ई. से सत्संग ध्यान के प्रचार-प्रसार में विशेष रूचि रखते हुए "सतगुरु सत्संग मंदिर" मायागंज कालीघाट, भागलपुर-812003, (बिहार) भारत में निवास एवं मोक्ष पर्यंत ध्यानाभ्यास में सम्मिलित होते हुए "सत्संग ध्यान स्टोर" का संचालन और सत्संग ध्यान यूट्यूब चैनल, सत्संग ध्यान डॉट कॉम वेबसाइट से संतवाणी एवं अन्य गुरुवाणी का ऑनलाइन प्रचार प्रसार।